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Ch-48: ओके देन कॉल द मिटींग (शून्य-उपन्यास)

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बॉसके सामने सॅम बैठा था. वह केसके बारेमे बॉसको ब्रीफ कर रहा था. बॉसने जॉनकी सब जिम्मेदारी उसे दी थी. बॉस हमेशाकी तरह रिलॉक्स बैठा सिगारके कश भर रहा था.

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.. कॅबीनमें सन्नाटा छा गया. बॉसने नई सिगार सुलगाई और कुर्सीपर रेलते हूए बोला,

" ओ के देन कॉल द मिटींग"

क्रमश:..

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Ch-47: यस्स ! (शून्य-उपन्यास)

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अँजेनी कॉफी लेकर आयी. जॉन अभीभी काम्प्यूटरपर काम कर रहा था. उसने एक कॉफीका कप धीरेसे, उसे डीस्टर्ब ना हो इसका खयाल रखते हूए, उसके सामने रख दिया.
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फिर जॉनने सामने रखी डायरी और इंटरनेटकी कुछ जानकारी अँजेनीको दिखाकर वह उसके सामने कत्लका एक एक रहस्य खोलने लगा. जैसे जैसे एक एक रहस्य खुलता था वैसे वैसे उसकी आखोंमे आश्चर्य दिखने लगता.

क्रमश:..

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Ch-46: गुगल सर्च (शून्य-उपन्यास)

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एकदम हताश, निराश, बुझा हूवा चेहरा लेकर जॉन अॅँजेनीके सामने बैठा था.

".
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उसे बहुत अच्छा और हलका हलका महसुस हो रहा था.

" तूम तुम्हारा चलने दो. मै एक गरम गरम मस्त कॉफी लाती हूं " ऐसा कहते हूए अँजेनी किचनमें चली गई.

क्रमश:...

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Ch-45: आय ऍम सॉरी (शून्य-उपन्यास)

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बॉस पत्रकाररोंकी भीडसे जो छूटा तो सिधा 'खाट..खाट' जुतोंका आवाज करते हूए अपने कॅबीनकी तरफ निकल पडा. .
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.पुलिस डिपार्टमेंटको लोगोंकी नजरोंसे निचा होनेसे बचाया था और जॉनको बरबाद कर डिपार्टमेंटमें अपना खौफ और महत्व और मजबुतीसे बढाया था.
क्रमश:...

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Ch-44: एक तिर दो निशाने (शून्य-उपन्यास)

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जॉनका बॉस और जॉन जैसेही रिपोर्टरोंको आते हूए दिखाई दिए, उनकी भिड उनकी दिशामें उमड पडी. बिजली चमकने जैसे कॅमेरोंके फ्लॅश उनके चेहरेपर पडने लगे. .
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बॉसने इस मौके फायदा उठाया और रिपोर्टरोंका रुख जॉनपर होता देखकर वह वहांसे दबे पाव खिसक गया.

क्रमश:...

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Ch-43: फिरसे प्रेस कॉन्फरन्स (शून्य-उपन्यास)

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जॉन उसके बॉसके कॅबिनमें उनके सामने बैठा था. कॅबिनमें वे दोनोही थे. काफी देर तक दोनोमें एक अनैसर्गीक चुप्पी छाई हूई थी.
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बॉस उठकर खुले दरवाजेसे 'खाट खाट' जुतोंका आवाज करते हूए बाहर निकल गया और उसके पिछे जॉन चूपचाप चलने लगा.

क्रमश:...

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Ch-42: शुन्यकी खोज किसने की ? (शून्य-उपन्यास)

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लिफ्टसे बाहर आकर जॉन फ्लॅट क्रमांक 3 की तरफ जाने लगा. .
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लेकिन कमसे कम अभीतो उसकेपास बोलनेके लिए कुछ नही था. मतलब कमसे कम शामतक खुनीका पता लगना जरुरी था.

क्रमश:...

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Ch-41: मेडीयाके साथ पाला (शून्य-उपन्यास)

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जॉन नार्थ स्ट्रीटको नियोलके अपार्टमेंटमें जानेके लिए अपने गाडी से उतरा, तभी उसे चारो ओरसे प्रेसने घेर लिया.

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ऐसा सोचकर वह लिफ्टमें घुस गया. लिफ्ट बंद हूई. उसने लिफ्टमे बटनोंके लाईनमेसे ढूंढकर 10 नंबरका बटन दबाया.



क्रमश:...

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Ch-40: डिटेक्टीव ऍलेक्स (शून्य-उपन्यास)

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जॉनने डिटेक्टीव अॅलेक्सके दरवाजेकी बेल बजाई. अंदरसे हलकासा आवाज आया-

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" नियोल वॅग्नर .. नॉर्थ स्ट्रीट, 2024.... उसका भी उसी तरहसे खुन हो चूका है.." सॅमने जानकारी दी.

क्रमश:...

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Ch-39: छुट्टीमें व्यवधान (शून्य-उपन्यास)

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जॉन गाडी चला रहा था और उसके बगलमें अँजेनी बैठी हूई थी. .
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जॉन कुछ ना बोलते हूए फिरसे सिधा सामने रस्तेपर देखते हूए ड्रायव्हींग करने लगा. अँजेनीभी सामने देखते हूए फिरसे अपने सोचमें डूब गई.

क्रमश:...

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Ch-38: डीटेक्टीव्ह का फोन (शून्य-उपन्यास)

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ठंडसे एकदूसरेका बचाव करनेके लिए एक दूसरेको कसकर लिपटकर जॉन और अँजेनी टेरेसपरही सोए थे. .
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"अॅलेक्सका फोन था ... खुनीके बारेमें कुछतो महत्वपुर्ण जानकारी मिली है उसको शायद ... लेकिन बिचमेंही सिग्नल चला गया... " मोबाईलका डिस्प्ले अँजेनीको दिखाते हूए जॉनने कहा.

क्रमश:...

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Ch-37: चांदनी रात (शून्य-उपन्यास)

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आधी रात बित चूकी थी. बाहर आकाशमें पूर्णीमा का चांद अपनी सफेद रोशनी सब तरफ फैला रहा था. बहते पाणी की मधूर आवाज और चांद का धूसर प्रकाश कॉटेजमें आ रहा था. .
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चांदके सफेद रोशनीमें , बहते पाणीके मधूर संगीतमें, एकदुसरेकी उत्कट भावनावोंको प्रतिसाद देते हूए उस अंधेरी रातमें वे अपने मधूर मिलनमें प्यारसे धीरे धीर रंग भरने लगे.

क्रमश:..

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Ch-36: प्रपोज (शून्य-उपन्यास)

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अभीभी अँजेनी खानेके टेबलपर बैठी थी. टेबलपर जलाई मोमबत्तीयां आखीर बुझ गई थी. टेबलपर सिर्फ बचा था इधर उधर फैला हूवा मोम. .
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जॉनके चेहरेपर खुशी और समाधान फैल गया. वह अतीव आनंदसे उसे उठाते हूए उसे चूमने लगा. उसने फिर धीरेसे उसे निचे उतारते हूए बॉक्स से अंगूठी निकालकर धीरेसे उसकी तिसरी उंगलीमें सरका दी.

क्रमश:...

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Ch-35: चार घंटे उधार (शून्य-उपन्यास)

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रात हो चूकी थी. दोनोने मिलके खाना पकाया. खानेके टेबलपर सारे जिन्नस सजाके रखे. जॉनने कमरेमे अंधेरा करके टेबलपर मोमबतीयां लगाकर जलाई. .
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या सानीजैसा उसे बिचमेंही मंझधारमें छोड जायेगा ?...

उसका सोच श्रुंखला शुरु हूई.

क्रमश:....

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Ch-34B: फिशींग (शून्य-उपन्यास)

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थोडी देर दोनो शांत थे.

फिर जॉन ने कहा " अब मै एक पहेली पुछता हूं."

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" अच्छा तो वह मछली थी... " उसके खयालमें आया तो वह अपने नाकको हाथ लगाते हूए बोली और वह भी उसके साथ जोरसे हंसने लगी.

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Ch-34A: फिशींग (शून्य-उपन्यास)

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बहते पाणीके धारके दोनो तरफ कॉटेजेसका समूह बसा हूवा था. उ.
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" अरे नही ... सचमुछ मुझे मालूम नही था ... मैने ऐसेही अपना अंदाजा लगाया." जॉन बोला.

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Ch-33: एक धागा (शून्य-उपन्यास)

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कमांड2 फॅशन स्ट्रीटपर भीडसे रास्ता निकालते हूए सामने जा रहा था. .
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फिर कमांड2 गया था उस मकानकी तरफ देखा. वह अबतक उस मकानके अंधरेमें गायब हो चूका था.

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