उपन्यास - अद्-भूत The horror, suspense, thriller [Email this] English Version-> [Aghast]
उपन्यास - शून्य The suspense, thriller [Email this] English Version->[Zero]
उपन्यास - ब्लैकहोल The Mystery, horror, suspense Email this English Version->[Black Hole]
उपन्यास - ई लव्ह The suspense, thriller Email this English Version->[eLove]
उपन्यास -मधुराणी Story of a femine power [Email this] English Version-> [Honey]
उपन्यास - मृगजल The psychological suspense, thriller Email this

Hindi literature - Novel - ELove : CH-17 कहा गलती हूई ?

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English



Famous thoughts -

Every word written is a victory against death.

---- Michel Butor


अंजली चिंताग्रस्त अवस्थामें अपनी कुर्सीपर बैठी थी. उसके टेबलके सामनेही शरवरी बैठी हूई थी. विवेकके साथ बिताया एक एक पल याद करते हूए पिछले तिन कैसे बित गए अंजलीको कुछ पता ही नही चला था. लेकिन आज उसे चिंता होने लगी थी.

"" आज तिन दिन हो गए ... ना वह चाटींगपर मिल रहा है ना उसकी कोई मेल आई है.'' अंजलीने शरवरीसे चिंताभरे स्वरमें कहा.

एक दिनमें न जाने कितनी बार चॅटींगपर चॅट करनेवाला और एक दिनमें न जाने कितनी मेल्स भेजनेवाला विवेक अब अचानक तिन दिनसे चूप क्यों होगया? सचमुछ वह एक चिंताकी ही बात थी.

"" उसका कोई कॉन्टॅक्ट नंबर तो होगाना ?'' शरवरीने पुछा.

"" हां है... लेकिन वह कॉलेजका नंबर है... लेकिन वहां फोन कर उसके बारेमें पुछना उचीत होगा क्या ?'' अंजलीने कहा.

"" हा वह भी है '' शरवरीने कहा.

"" मुझे चिंता है ... कही वह मेरे बारेमें कुछ गलत सलत सोचकर ना बैठे ... और अगर वैसा है तो पता नही वह मेरे बारेंमे क्या सोच रहा होगा ... '' अंजलीने मानो खुदसेही सवाल किया.

हॉटेलमें जो हुवा वह नही होना चाहिए था ...

उसकी वजहसे शायद वह अपने बारेमें कुछ गलत सोच रहा होगा....

लेकिन जोभी हुवा वह कैसे ... अचानक... दोनोंको कोई मौका दिए बिना हो गया....

मैने उसे हॉटेलमें बुलाना ही नही चाहिए था...

उसे अगर हॉटेलमें नही बुलाया होता तो यह घटना घटी ही नही होती...

अंजलीके दिमागमें पता नही कितने सवाल और उनके जवाब भिड कर रहे थे.

"" मुझे नही लगता की वह तुम्हारे बारेमें कुछ गलत सोच रहा होगा... वह दुसरेही किसी कारणवश तुम्हारे संपर्कमें नही होगा... जैसे किसी महत्वपुर्ण कामके सिलसिलेमें वह किसी बाहर गाव गया होगा....'' शरवरी अंजलीके दिलको समझाने बहलानेकी कोशीश करते हुए बोली.

लेकिन अंदरसे वहभी उतनीही चिंतातूर थी. अंजलीने शरवरीको हॉटेलमें घटीत घटनाके बारेमें विस्तारसे बताया मालूम हो रहा था. वैसे वह उसे अपनी बहुत करीबी दोस्त मानती थी और उससे निजी बातेभी नही छुपाती थी.

"" उसे हॉटेलके अंदर बुलाया नही होता तो शायद यह नौबत नही आती '' अंजलीने कहा.

"" नही नही वैसा कुछ नही होगा... पहले तुम अपने आपको बिना मतलब कोसना बंद करदो... '' शरवरी उसे समझानेकी कोशीश करती हुई बोली.


मोनाने जल्दी जल्दी उसके सामनेसे गुजर रहे आनंदजींको रोका.

""आनंदजी आपने शरवरीको देखा क्या ?'' मोनाने पुछा.

"" हां .. वह उपर विकासके पास बैठी हूई है ... क्यो क्या हुवा ?'' आनंदजीने मोनाका चिंतासे ग्रस्त चेहरा देखकर पुछा.

"" कुछ नही... अंजली मॅमने उसे तुरंत बुलानेके लिए कहा है .. आप उधरही जा रहे हो ना ... तो उसे अंजली मॅमके पास तुरंत भेज देंगे प्लीज... कुछ महत्वपुर्ण काम लगता है '' मोना आनंदजींसे बोली.

"" ठिक है ... मै अभी भेज देता हूं ..'' आनंदजी सिढीयां चढते हूए बोले.


क्रमश:...


Famous thoughts -

Every word written is a victory against death.

---- Michel Butor


Hindi books, Hindi words, Hindi world, Hindi pustak, Hindi cinema, Hindi novel, Upanyas, kathasangrah, Hindi literature site, Hindi literature blog, Hindi portal, Hindi language literature sahitya

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

No comments:

Post a Comment