उपन्यास - अद्-भूत The horror, suspense, thriller [Email this] English Version-> [Aghast]
उपन्यास - शून्य The suspense, thriller [Email this] English Version->[Zero]
उपन्यास - ब्लैकहोल The Mystery, horror, suspense Email this English Version->[Black Hole]
उपन्यास - ई लव्ह The suspense, thriller Email this English Version->[eLove]
उपन्यास -मधुराणी Story of a femine power [Email this] English Version-> [Honey]
उपन्यास - मृगजल The psychological suspense, thriller Email this

Ch-1 : चिख ( hindi novel - अद्-भूत ) Hindi

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English



The horror, suspense, thriller online Hindi  Novel registered with FWA.
Read the feedback/comments  - प्रतिक्रिया

घना अंधेरा और उपरसे उसमें जोरोसे बरसती बारीश. सारा आसमंत झिंगुरोंकी 'किर्र' आवाजसे गुंज रहा था. एक बंगलेके बगलमें खडे एक विशालकाय वृक्षपर एक बारीशसे भिगा हूवा उल्लू बैठा हूवा था. उसकी इधर उधर दौडती नजर आखीर सामने बंगलेके एक खिडकीपर जाकर रुकी. वह बंगलेकी ऐकलौती ऐसी खिडकी थी की जिससे अंदरसे बाहर रोशनी आ रही थी. घरमें उस खिडकीसे दिख रहा वह जलता हुवा लाईट छोडकर सारे लाईट्स बंद थे. अचानक वहा उस खिडकीके पास आसरेके लिए बैठा कबुतरोंका एक झुंड वहांसे फडफडाता हूवा उड गया. शायद वहां उन कबुतरोंको कोई अदृष्य शक्तीका अस्तीत्व महसुस हूवा होगा. खिडकीके कांच सफेद रंगके होनेसे बाहरसे अंदरका कुछ नही दिख रहा था. सचमुछ वहा कोई अदृष्य शक्ती पहूंच गई थी ? और अगर पहूंची थी तो क्या उसे अंदर जाना था? लेकिन खिडकी तो अंदर से बंद थी.


बेडरुममें बेडपर कोई सोया हूवा था. उस बेडवर सोए सायेने अपनी करवट बदली और उसका चेहरा उस तरफ हो गया. इसलिए वह कौन था यह पहचानना मुश्कील था. बेडके बगलमें एक ऐनक रखी हूई थी. शायद जो भी कोई सोया हूवा था उसने सोनेसे पहले अपनी ऐनक निकालकर बगलमें रख दी थी. बेडरुममे सब तरफ दारुकी बोतलें, दारुके ग्लास, न्यूज पेपर्स, मासिक पत्रिकाएं इत्यादी सामान इधर उधर फैला हूवा था. बेडरुमका दरवाजा अंदरसे बंद था और उसे अंदरसे कुंडी लगाई हूई थी. बेडरुमको सिर्फ एकही खिडकी थी और वहभी अंदरसे बंद थी - क्योंकी वह एक एसी रुम थी. जो साया बेडपर सोया था उसने फिरसे एकबार अपनी करवट बदली और अब उस सोए हुए साएका चेहरा दिखने लगा. स्टीव्हन स्मीथ, उम्र लगभग पच्चीस छब्बीस, पतला शरीर, चेहरेपर कहीं कहीं छोटे छोटे दाढीके बाल उगे हूए, आंखोके आसपास ऐनककी वजहसे बने काले गोल गोल धब्बे. वह कुछतो था जो धीरे धीर स्टीव्हनके पास जाने लगा. अचानक निंदमेंभी स्टीव्हनको आहट हूई और वह हडबडाकर जग गया. उसके सामने जो भी था वह उसपर हमला करनेके लिए तैयार होनेसे उसके चेहरेपर डर झलक रहा था, पुरा बदन पसिना पसिना हुवा था. वह अपना बचाव करनेके लिए उठने लगा. लेकिन वह कुछ करे इसके पहलेही उसने उसपर, अपने शिकारपर हमला बोल दिया था. पुरे आसमंतमें स्टीव्हनकी एक बडी, दर्दनाक, असहाय चिख गुंजी. और फिर सब तरफ फिरसे सन्नाटा छा गया ... एकदम पहले जैसा...


क्रमश:...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

24 comments:

  1. Nice start like HOROR

    ReplyDelete
  2. Nice Godd start Just Horro

    ReplyDelete
  3. Nice.Thanx for the story.

    ReplyDelete
  4. Bauhat acchi hai ye ......Hindi novels ki baat hi kuch or hai:)

    ReplyDelete
  5. bahut acchi h mujhe horror novels acche lagte h its a nice novel.

    ReplyDelete
  6. Nice & Horror Story i like it......Snehal Jain

    ReplyDelete
  7. it is good novel, i ever read

    ReplyDelete
  8. grr awsome still i lov to read it.go on buddy

    ReplyDelete
  9. good horror and suspense in the story..

    ReplyDelete
  10. CAN WE DOWNLOAD THIS NOVEL IN TABLET

    ReplyDelete