उपन्यास - अद्-भूत The horror, suspense, thriller [Email this] English Version-> [Aghast]
उपन्यास - शून्य The suspense, thriller [Email this] English Version->[Zero]
उपन्यास - ब्लैकहोल The Mystery, horror, suspense Email this English Version->[Black Hole]
उपन्यास - ई लव्ह The suspense, thriller Email this English Version->[eLove]
उपन्यास -मधुराणी Story of a femine power [Email this] English Version-> [Honey]
उपन्यास - मृगजल The psychological suspense, thriller Email this

Ch-27: तफ्तीश (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend



... जल्दी जल्दी जॉन लिफ्टसे बाहर निकल गया. अचानक वक्त पर आए फोनसे वह औरभी चिढसा गया था.

.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
..

" सॅम, तूम यही रुककर इन्व्हेस्टीगेशन कंटीन्यू करो... मै इनके साथ निचे जाकर आता हूं " जॉन उनके साथ फ्लॅटसे बाहर जाते हूए बोला.

... to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-26: ऋषी (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend

... हिमालयमें उस पर्बत के तले बह रहे नदी के किनारे जो गुंफा थी उस गुंफामें अभीभी वह ऋषी ध्यानस्त बैठा हूवा था. .
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
..

वह ऋषी फिरसे मुडकर अपना रास्ता चलने लगा. वे तिनो खुले मुंहसे आश्चर्यसे उस ऋषीकी जाती हूई आकृतीको वह आकृती अदृष्य होनेतक देखते रहे....

क्रमश:...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-25: घात प्रतिघात (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend


तेजीसे सब कुछ निपटाकर कमांड1 फ्लॅटके दरवाजेसे दौडकर लिफ्टके पास गया. थोडीही देर पहले उसे सायरनका आवाज बिल्डीग के निचे आकर बंद हूवा ऐसा महसूस हूवा था. उसने लिफ्टके डिस्प्लेपर देखा. लिफ्ट उपर आ रही थी. वह घबरा गया.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.


वह उस सवालपर सोचकर कुछ नतिजेतक पहूंचनेके पहलेही वह निचे फर्शपर गिर गया. लगभग 15-16 माले उपरसे निचे गिरकर उसके सरके टूकडे टूकडे हूए थे और तत्काल उसकी जान चली गई थी. इधर उपर उसे निचे गिरते हूए देख रहे कमांड2के चेहरेपर एक गुढ मुस्कुराहट बिखेर गई.



क्रमश:...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-24: मिस उटीन हॉपर (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend

बेडरूममे धुंधलीसी रोशनी थी. बेडपर कोई सोया हूवा दिखाई दे रहा था. एक काले सायेने धीरे धीरे बेडरूममे प्रवेश किया.

.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
 उसने जल्दी जल्दी वह खंजर फिरसे उटीनाके खुनमें डूबोया और दिवारपर वह आगेका लिखने लगा.


to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-23: हॅपी बर्थ डे (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend

अँजेनी गहरी निंदमे थी. निंदमें उसका मासूम चेहरा और ही खुलकर निखरा हूवा दिख रहा था. .
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

" क्या? इसबारभी एक औरत! ठीक है ... यू प्रोसीड विथ द टीम. मै जल्द से जल्द आकर तुम्हे जॉईन होता हूं " जॉनने अपने कपडे पहनते हूए फोन बंद किया.

... to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-22: डिटेक्टीव्ह (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend


रातके घने अंधेरेमे बस्तीसे दूर एक निर्जन, निर्मनुष्य स्थलपर एक गाडी आकर रुकी. गाडीसे ओवरकोट पहना हूवा एक साया बाहर आया.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

" हां नर्कही कहना पडेगा " अलेक्स ने कहा.

... to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-21: जॉनके बॉसकी व्हीजीट.. ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend


ऑफिसमें अबतक कोई नही आया था. .
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

शहर पोलीस शाखाप्रमुख टाकटाक जुतोंका आवाज करते हूए वहांसे चले गए. जॉन दरवाजेतक गया और उन्हे जाते हूए देखता रह गया.
..contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-20: बॉसका मेसेज. ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend

वह मेल और उसकी अटॅचमेंट्स पूरी तरह पढनेके बाद कमांड2 कॉम्प्यूटरसे उठ गया.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.


आखीर उसने फैसला किया की इस बार वह कमांड1के साथ नही जाएगा. कुछ बहाना बनाकर वह कमांड1को अकेला जानेके लिए विवश करने वाला था.

... to be contd...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-19: चाल फंसी? ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend


कमांड2 कमांड1 क्या बताता है यह सुननेके लिए बेताब हो गया था. वह उसकी राह देखते हूए कॉम्पूटरके पास बेसब्रीसे चहलकदमी करने लगा.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
,.
.
.
.
.जिधर कमांड1 सोया था उस बेडरुमकी तरफ एकबार देखकर उसने तसल्ली की और फिर बिनधास्त वह मेल पढने लगा. कभी उसकी आंखोमे आश्चर्य दिखता तो कभी चेहरेपर मुस्कुराहट.

क्रमश:...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-17: बॉसका फोन ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend


कमांड1 काम्प्यूटरपर कुछतो कर रहा था. कमांड2 उसके बगलमें हाथमें व्हिस्कीका ग्लास लेकर शानसे बैठा था.

.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

कमांड2नेभी अपने बगलमें रखा व्हिस्कीका ग्लास उठाया और वह कमांड1के सामने बैठ गया. कमांड1ने गटागट व्हिस्कीके घुंटके साथ अपना अपमान पिनेकी कोशीश की.

... to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-16: मधूर मिलन ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend



अँजेनी जॉनको सहारा देते हूए उसके क्वार्टरकी तरफ ले जाने लगी.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
..




उसने हंसते हुए उसे फिरसे अपने बाहोंमे भर लिया. वह भी हंसने लगी. और फिर दोनो कब अपने प्रेममिश्रीत प्रणयमें लीन हुए उन्हे पताही नही चला.

... to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-15: क्या हूवा? ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English


Hindi Suspense thriller Novel

SocialTwist Tell-a-Friend

इधर अँजेनी जॉनकी राह देख देखकर थक गई थी.

.
.
.
.
.
.
.
.
..
.
.
ड्रायव्हरने गाडी स्लो कर एकबार अँजेनी और फिर जॉनकी तरफ देखा. अँजेनीने 'ठीक है ... वह जहा कहता है उधरही लो' ऐसा ड्रायव्हरको इशारेसेही कहा.
.... to be contd...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-14: पिछा ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend



जॉनकी गाडी तेजीसे दौडने लगी थी. थोडीही देरमें जिस गाडीके पिछेके कांच पर खुनसे शुन्य निकाली हूई तस्वीर लगी थी वह गाडी उसे दिखाई देने लगी. .
.
.
.
.
.
.
.
.
.
..
आखीरमें लंगडते हूए वह गाडीसे बाहर आया और सामनेकी गाडी उसकी पहूंचसे निकलती देखकर चिढकर गुस्सेसे उसने अपनी कसी हूई मुट्ठी अपने गाडीपर जोरसे दे मारी.
... to be contd....

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-13: शुन्यकी तस्वीर... ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend


रातका घना अंधेरा और उपरसे चूभती हूई कडाकेकी ठंड. ऐसे वातावरण मे बहुत सारे प्रेमी युगल रस्तेसे दिख रहे थे. .
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.अँजेनी हॉटेलके सिढीयोंपर असमंजससी इधर उधर देखती हूई खडी रही.

क्रमश:...

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter

Ch-12B: फर्स्ट डेट ... (शून्य-उपन्यास)

Next Chapter Previous Chapter

This Novel in English

Hindi Suspense thriller Novel



SocialTwist Tell-a-Friend
इधर इतने जल्दी तैयारी करे तो कैसे करे इस दुविधामें अँजेनी पड गई थी. उसे भी बहुत दिनोसे अकेला रह रहके घुटनसी महसुस हो रही थी. उसे अब थोडे 'चेंज'की जरुरत महसुस होने लगी थी. उसने जल्दी जल्दी कपडे बदले और ड्रेसींग टेबलके सामने आईनेमे देखते हूए अपने बाल वाल संवारने लगी. उसे याद आ रहा थी की आज लगभग एक महना होनेको आया था की वह बाहर कही नही गई थी. सानीके खुनके बाद मानो उसका जीवन कैसे सुना सुना हो गया था. सानीके साथ वह हमेशा सज संवरके कभी शॉपींगके लिये, कभी घुमने के लिए तो कभी डिनरके लिए बाहर जाती थी. सानीका खयाल आते ही उसका सजा संवारा चेहरा मुरझा सा गया. इतनेमें डोअर बेल बज गई. बेल बजेबराबर उसे महसुस हूवा की न जाने क्यों उसके दिलकी धडकन तेज होने लगी है. वह उठकर दरवाजेके तरफ चली गई, दरवाजा खोला, सामने जॉन खडा था.

रेडी?" जॉनने अंदर आनेसे पहलेही पुछा.

" ऑलमोस्ट... ' उसे अंदर लेते हूए वह बोली.

दरवाजा अंदरसे लगाकर उसने जॉनको हॉलमें बैठनेके लिए कहा.

" जस्ट वेट अ मिनिट.." कहते हूये वह बचीकुची तैयारी करने के लिए अंदर चली गई. जॉन हॉलमें बैठकर हॉलका सामान, दिवारपर टंगी हूई पेंटीग्ज गौर से देखने लगा. देखते देखते उठकर वह खिडकीके पास चला गया. खिडकीके बाहर फिरसे वह गोल तालाब उसे दिखाई दिया. उसने पहले जब वह इन्व्हेस्टीगेशनके लिये आया था तब उसे देखा था. उस वक्त उसे इस तालाबके बारेमें बहुत सारे सवाल पुछने थे वे वैसे ही रह गए थे.

" यह तालाब नॅचरल है की कृत्रिम ?" उसने उत्सुकतावश बडे स्वर में अंदर अँजेनीसे पुछा.

" हां आती हूं... बस एकही मिनट... " अंदरसे अँजेनीभी जोरसे बोली.

उसके सवालके इस अनपेक्षित उत्तरसे वह सिर्फ मन ही मन मुस्कुराया.

थोडी देरमें उसके सामने सज धजकर जाने के लिए तैयार अँजेनी खडी थी. उसने पहले कभी उसे इस रुपमें नही देखा था. उसकी सुंदरता और ही खुलकर निखर रही थी.

" सुंदर दिख रही हो" जॉनने उसे कॉम्प्लीमेंट किया.

" क्या कह रहे थे... मै अंदर थी तब पुकारा था क्या ? ... " अँजेनी शरमाकर बात टालते हूए बोली.

"नही मै पुछ रहा था की यह पिछेका तालाब नॅचरल है या कृत्रिम" जॉन खिडकीके बाहर इशारा करते हूए खिडकीके पास जाकर बोला.

" यह ना... नॅचरलही है ... हजारो साल पहले एक बडी उल्का आसमानसे गिरी थी और उसके वजहसे यह तालाब बना... ऐसा कहते है... " अँजेनी खिडकीके पास जाकर बोली.

" तो भी मै बोल रहा था की यह तालाब एकदम परफेक्ट गोल कैसा ?" जॉनने कहा.

" अरे हां ... तो फिर निकलनेगे?" जॉन अपने सोचसे बाहर आते हूए बोला.

अँजेनीने आखोही आखोमें हां कहां और दोनो बाहर निकल पडे.

... to be contd..

This Novel in English

Next Chapter Previous Chapter